जायें सिद्धि पावें वे
दुखी न हों इस जन के
उपालम्भ दूं मैं किस मुख से?
आज अधिक वे भाते
सुख से
दुख से,

जायें सिद्धि पावें वे
दुखी न हों इस जन के
उपालम्भ दूं मैं किस मुख से?
आज अधिक वे भाते
सुख से
दुख से,
ka kya hoga??​

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Parker

1 thought on “जायें सिद्धि पावें वे<br />दुखी न हों इस जन के<br />उपालम्भ दूं मैं किस मुख से?<br />आज अधिक वे भाते<br />सुख से<br />दुख से,<br /”

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