The value of $ [cosyi + x(1 – siny).dF, where is the closed curvex2 + y2 = 4 in xy plane, is About the author Alaia
Step-by-step explanation: [03/05, 9:39 AM] Ramchandra Mishra: बेजुबान पति ऑफिस से घर आया… और खाना खाने बैठा खाते-खाते उसने अपनी पत्नी से कहा कि “खाना ठीक नहीं है, कोई टेस्ट नहीं आ रहा है।” पत्नी चुपचाप उठी, और उसने कॉरपोरेशन मेंं कॉल किया और एम्बुलेंस को बुला ली और कहा.. “इन्हे टेस्ट नहीं आ रहा है..” एम्बुलेंस पति को ले गयी और उसे क्वॉरंटाइन कर दिया अस्पताल में पत्नी ने पति को फोन किया और पूछा: अब आया स्वाद?? *यहाँ तक की कहानी सबने सुनी होगी। अब देखिये कहानी में नया मोड़:* . . उधर पति को पूछा गया कि “आपके संपर्क में कौन-कौन आया था ?” पति ने बड़ी ही शांति से कहा.. – मेरी पत्नी – मेरा ससुर – मेरी सास – मेरा साला – मेरी साली बस अब ये सब भी अस्पताल के बिस्तर पर बैठे-बैठे पति को घूर रहे हैं! Moral of the story is किसी बेजुबान को ज्यादा सताना भी ठीक नहीं है !!!! [03/05, 9:39 AM] Ramchandra Mishra: पेप्सी बोली, सुन बहिन कोका कोला ! भारत का इन्सान है बहुत ही भोला। विदेश से मैं भारत आयी हूँ, साथ में अपने, मौत लायी हूँ । ठण्डी लहर नहीं, ज़हर हूँ मैं, गुर्दों पर गिरता कहर हूँ मैं । मेरी पी.एच. दो पॉइन्ट सात, मुझ में गिरकर गल जायें दाँत । जिंक, आर्सेनीक, लेड हूँ मैं, काटे आतों को, वो ब्लेड हूँ मैं । यहाँ दूध मुझसे बहुत सस्ता है, फिर भी पीकर मुझको,ये मरता है । 540 करोड़ हर साल कमाती हूँ, यहाँ का धन विदेश में ले जाती हूँ । मैं पहुँची हूँ आज देश में वहाँ पर, पीने को नहीं है, पानी जहाँ पर । दोनों की आपसी बात सुनकर कहता हूं, क्यों कि मैं भी इस देश में रहता हूं। छोड़ो नकल अब अकल से जीयो, जो कुछ पीना है, संभल के ही पीयो । नहीं तो इक दिन हो जायेगी नस्लें बर्बाद, कोई ना सुनेगा, किसे सुनाओगे फरियाद। अपने बच्चों को यह कविता सुनाओ, छाछ, दही, दूध या नीबूपानी पिलाओ। अपनी आने वाली पीढ़ी को मजबूत बनाओ, अच्छ -बुरी चीजों में भेद करना सिखाओ। *(इसको आगे भेजते जाइये,भारत के बच्चों के भविष्य को संवारिये ॥)* Reply
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[03/05, 9:39 AM] Ramchandra Mishra: बेजुबान
पति ऑफिस से घर आया… और खाना खाने बैठा
खाते-खाते उसने अपनी पत्नी से कहा कि
“खाना ठीक नहीं है, कोई टेस्ट नहीं आ रहा है।”
पत्नी चुपचाप उठी, और उसने कॉरपोरेशन मेंं कॉल किया और एम्बुलेंस को बुला ली
और कहा..
“इन्हे टेस्ट नहीं आ रहा है..”
एम्बुलेंस पति को ले गयी और उसे क्वॉरंटाइन कर दिया
अस्पताल में पत्नी ने पति को फोन किया और पूछा: अब आया स्वाद??
*यहाँ तक की कहानी सबने सुनी होगी। अब देखिये कहानी में नया मोड़:*
.
.
उधर पति को पूछा गया कि
“आपके संपर्क में कौन-कौन आया था ?”
पति ने बड़ी ही शांति से कहा..
– मेरी पत्नी
– मेरा ससुर
– मेरी सास
– मेरा साला
– मेरी साली
बस अब ये सब भी अस्पताल के बिस्तर पर बैठे-बैठे पति को घूर रहे हैं!
Moral of the story is
किसी बेजुबान को ज्यादा सताना भी ठीक नहीं है !!!!
[03/05, 9:39 AM] Ramchandra Mishra: पेप्सी बोली, सुन बहिन कोका कोला !
भारत का इन्सान है बहुत ही भोला।
विदेश से मैं भारत आयी हूँ,
साथ में अपने, मौत लायी हूँ ।
ठण्डी लहर नहीं, ज़हर हूँ मैं,
गुर्दों पर गिरता कहर हूँ मैं ।
मेरी पी.एच. दो पॉइन्ट सात,
मुझ में गिरकर गल जायें दाँत ।
जिंक, आर्सेनीक, लेड हूँ मैं,
काटे आतों को, वो ब्लेड हूँ मैं ।
यहाँ दूध मुझसे बहुत सस्ता है,
फिर भी पीकर मुझको,ये मरता है ।
540 करोड़ हर साल कमाती हूँ,
यहाँ का धन विदेश में ले जाती हूँ ।
मैं पहुँची हूँ आज देश में वहाँ पर,
पीने को नहीं है, पानी जहाँ पर ।
दोनों की आपसी बात सुनकर कहता हूं,
क्यों कि मैं भी इस देश में रहता हूं।
छोड़ो नकल अब अकल से जीयो,
जो कुछ पीना है, संभल के ही पीयो ।
नहीं तो इक दिन हो जायेगी नस्लें बर्बाद,
कोई ना सुनेगा, किसे सुनाओगे फरियाद।
अपने बच्चों को यह कविता सुनाओ,
छाछ, दही, दूध या नीबूपानी पिलाओ।
अपनी आने वाली पीढ़ी को मजबूत बनाओ,
अच्छ -बुरी चीजों में भेद करना सिखाओ।
*(इसको आगे भेजते जाइये,भारत के बच्चों के भविष्य को संवारिये ॥)*