“गाँव की ओर लौटे”,‌ महात्मा गांधी जी के‌ इस नारे को आधार बनाते हुए ग्रामीण वे शहरी जीवन का अन्तर स्पषट कीजीए।​

By Eva

“गाँव की ओर लौटे”,‌ महात्मा गांधी जी के‌ इस नारे को आधार बनाते हुए ग्रामीण वे शहरी जीवन का अन्तर स्पषट कीजीए।​

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Eva

1 thought on ““गाँव की ओर लौटे”,‌ महात्मा गांधी जी के‌ इस नारे को आधार बनाते हुए ग्रामीण वे शहरी जीवन का अन्तर स्पषट कीजीए।​”

  1. Answer:

    गांव की जिंदगी सरल है और शहर की जिंदगी कठिन गांव में लोग ज्यादातर खेती-बाड़ी करते हैं और शहरों में लोग ज्यादातर बड़े ही महत्वाकांक्षी होते हैं उन्हें जटिल जीवन जीने की आदत होती है वह कई तरह की व्यवसाई अपनाते हैं जैसे शिक्षक, डॉक्टर ,वकील, इंजीनियर ,उद्योगपति इत्यादि।

    गांधीजी ने गांव की ओर लौटे कहकर लोगों को प्रेरित किया है कि वह कुटीर उद्योग को अपनाएं और घर-घर में रोजगार के साधन की बढ़ोतरी हो और देश की उन्नति हो। लोग दूसरों पर निर्भर ना रहे, अपने पांव पर खड़े रहे प्रति व्यक्ति आय बढ़े। गांव का विकास हो। जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत गांवों का देश है गांव की उन्नति में ही शहरों का भविष्य छुपा है यदि सीधी साधी गांव वाले आर्थिक स्थिति से मजबूत होंगे और वह भी पढ़ लिख कर देश की उन्नति में अपना योगदान देंगे तो निश्चित ही हमारे देश का विकास होगा।

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