कबीर दास जी ने संसार के किस व्यवहार को उचित और अनुचित कहा है​

कबीर दास जी ने संसार के किस व्यवहार को उचित और अनुचित कहा है​

2 thoughts on “कबीर दास जी ने संसार के किस व्यवहार को उचित और अनुचित कहा है​”

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    • कबीर ने संसार को श्वान रूपी कहा है क्योंकि जिस तरह हाथी को जाता हुआ देखकर कुत्ते अकारण भौंकते हैं उसी तरह ज्ञान पाने की साधना में लगे लोगों को देखकर सांसारिकता में फँसे लोग तरह-तरह की बातें बनाने लगते हैं। वे ज्ञान के साधक को लक्ष्य से भटकाना चाहते हैं।

    [tex] \sf{Answer\:by\:UnicornRahuL}[/tex]

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