1 thought on “कोरोना महारोगत: सुरक्षाउपायविषये पञ्च वाक्यानि लिखत संस्कृत में”
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इस वायरस की वजह से पूरे विश्व की मानवता किस कदर संकट में आ गई है, उसका मार्मिक उल्लेख भी उनकी कविता में मिलता है। यही वजह है पहली कविता के मुकाबले प्रो. शर्मा की दूसरी कविता ज्यादा पसंद की जा रही है। प्रो. शर्मा ने बताया कि नीदरलैंड, थाइलैंड, अमेरिका आदि देशों के संस्कृत ही नहीं हिन्दी के विद्वानों ने भी उनकी कविता को सराहा है। कवि यश मालवीय ने भी इसकी सराहना की है।
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इस वायरस की वजह से पूरे विश्व की मानवता किस कदर संकट में आ गई है, उसका मार्मिक उल्लेख भी उनकी कविता में मिलता है। यही वजह है पहली कविता के मुकाबले प्रो. शर्मा की दूसरी कविता ज्यादा पसंद की जा रही है। प्रो. शर्मा ने बताया कि नीदरलैंड, थाइलैंड, अमेरिका आदि देशों के संस्कृत ही नहीं हिन्दी के विद्वानों ने भी उनकी कविता को सराहा है। कवि यश मालवीय ने भी इसकी सराहना की है।