रैदास के दूसरे पद में हरिजिउ किसे कहा गया है और उनकी किन
विशेषताओं का वर्णन किया गया है?​

रैदास के दूसरे पद में हरिजिउ किसे कहा गया है और उनकी किन
विशेषताओं का वर्णन किया गया है?​

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Parker

1 thought on “रैदास के दूसरे पद में हरिजिउ किसे कहा गया है और उनकी किन<br />विशेषताओं का वर्णन किया गया है?​”

  1. Answer:

    काव्यांश के आधार पर ‘हरिजीउ’ की विशेषताएँ लिखिए। उत्तर: कवि रैदास ने ‘हरिजीउ’ कहकर अपने आराध्य प्रभु को संबोधित किया है। कवि का मानना है कि उनके हरिजीउ के बिना माज के कमजोर समझे जाने को कृपा, स्नेह और प्यार कर ही नहीं सकता है। ऐसी कृपा करने वाला कोई और नहीं हो ।

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