रहिमन ओछे नरन सौं, बैर भली न प्रीति
काटे चाटे स्वान के. दोऊ भाँति विपरीत।​

रहिमन ओछे नरन सौं, बैर भली न प्रीति
काटे चाटे स्वान के. दोऊ भाँति विपरीत।​

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Audrey

1 thought on “रहिमन ओछे नरन सौं, बैर भली न प्रीति<br />काटे चाटे स्वान के. दोऊ भाँति विपरीत।​”

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