Explanation: दारोगाजी के हल्के में एक महन्त रामदास रहते थे। वह साधुओं की एक गद्दी के महंत थे। उनके यहाँ सारा कारोबार ‘श्री बांकेबिहारीजी’ के नाम पर होता था। Reply
Explanation: ज़िन्दगी का हर शौक पाला नहीं जाता, कांच की बोतल को हवा में उछाला नहीं जाता मेहनत करने से रास्ते हो जाते है आसान क्यूंकि हर काम किस्मत पे टाला नहीं जाता Reply
Explanation:
दारोगाजी के हल्के में एक महन्त रामदास रहते थे। वह साधुओं की एक गद्दी के महंत थे। उनके यहाँ सारा कारोबार ‘श्री बांकेबिहारीजी’ के नाम पर होता था।
Explanation:
ज़िन्दगी का हर शौक पाला नहीं जाता,
कांच की बोतल को हवा में उछाला नहीं जाता
मेहनत करने से रास्ते हो जाते है आसान
क्यूंकि हर काम किस्मत पे टाला नहीं जाता