2 thoughts on “3. पाठ के आधार पर गंगटोक पर प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?”
Answer:
गंतोक के आस पास के प्रकृति को समझकर
लेखिका की दोस्त ने जल संचय की व्यवस्था को समझ लिया जो को हिम सिखरो पर जमा कर रख लेता है और जब गर्मी में महानगरों में प्यास लगती है तो यही हिम सिखर की बर्फ पीघल कर प्यास बुझाती है।
प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था नायाब ढंग से की है। प्रकृति सर्दियों में बर्फ के रूप में जल संग्रह कर लेती है और गर्मियों में पानी के लिए जब त्राहि-त्राहि मचती है, तो उस समय यही बर्फ शिलाएँ पिघलकर जलधारा बन के नदियों को भर देती है।
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गंतोक के आस पास के प्रकृति को समझकर
लेखिका की दोस्त ने जल संचय की व्यवस्था को समझ लिया जो को हिम सिखरो पर जमा कर रख लेता है और जब गर्मी में महानगरों में प्यास लगती है तो यही हिम सिखर की बर्फ पीघल कर प्यास बुझाती है।
हिम शिखरों में जल संचय होता है।
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प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था नायाब ढंग से की है। प्रकृति सर्दियों में बर्फ के रूप में जल संग्रह कर लेती है और गर्मियों में पानी के लिए जब त्राहि-त्राहि मचती है, तो उस समय यही बर्फ शिलाएँ पिघलकर जलधारा बन के नदियों को भर देती है।