दुख का अधिकार पाठ का सार बताते हुए पाठ से प्राप्त संदेश 100 शब्दों में लिखें।​

दुख का अधिकार पाठ का सार बताते हुए पाठ से प्राप्त संदेश 100 शब्दों में लिखें।​

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Audrey

2 thoughts on “दुख का अधिकार पाठ का सार बताते हुए पाठ से प्राप्त संदेश 100 शब्दों में लिखें।​”

  1. Answer:

    इस कहानी का प्रमुख पात्र एक तेईस साल का युवक है जिसका नाम ‘भगवाना’ है। उसके पास डेढ़ बीघा जमीन है और वह उस जमीन में सब्जियाँ उगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। वह जब तक जीवित था, अपने परिवार के सभी सदस्यों को (जिनमें उसकी माँ, पत्नी और बच्चे हैं) कमाकर खिलाता था। एक दिन भगवाना अपने खरबूजे के खेत में इधर-उधर घूम रहा था। खरबूजे जहाँ रखे हुए थे, वहाँ पर तरावट थी। संयोग से उस समय उसका पैर साँप पर पड़ गया और साँप ने उसे डस लिया। उसकी माँ ने अपने बेटे को बचाने के लिए झाड़-फूंक, ओझा, नागदेव की पूजा कराई लेकिन भगवाना नहीं बचा।

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  2. Answer:

    लेखक ने उसके दुख की तुलना अपने पड़ोस के एक संभ्रांत महिला के दुख से करने लगता है जिसके दुख से शहर भर के लोगों के मन उस पुत्र-शोक से द्रवित हो उठे थे। लेखक सोचता चला जा रहा था कि शोक करने, ग़म मनाने के लिए भी सहूलियत चाहिए और दु:खी होने का भी एक अधिकार होता है। इनका जन्म फ़िरोज़पुर छावनी में सन 1903 में हुआ।

    Explanation:

    hope it helps you

    thank you:)

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