इस कहानी का प्रमुख पात्र एक तेईस साल का युवक है जिसका नाम ‘भगवाना’ है। उसके पास डेढ़ बीघा जमीन है और वह उस जमीन में सब्जियाँ उगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। वह जब तक जीवित था, अपने परिवार के सभी सदस्यों को (जिनमें उसकी माँ, पत्नी और बच्चे हैं) कमाकर खिलाता था। एक दिन भगवाना अपने खरबूजे के खेत में इधर-उधर घूम रहा था। खरबूजे जहाँ रखे हुए थे, वहाँ पर तरावट थी। संयोग से उस समय उसका पैर साँप पर पड़ गया और साँप ने उसे डस लिया। उसकी माँ ने अपने बेटे को बचाने के लिए झाड़-फूंक, ओझा, नागदेव की पूजा कराई लेकिन भगवाना नहीं बचा
Answer:
hello have a great day ahead
Explanation:
| दुःख का अधिकार सारांश
इस कहानी का प्रमुख पात्र एक तेईस साल का युवक है जिसका नाम ‘भगवाना’ है। उसके पास डेढ़ बीघा जमीन है और वह उस जमीन में सब्जियाँ उगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। वह जब तक जीवित था, अपने परिवार के सभी सदस्यों को (जिनमें उसकी माँ, पत्नी और बच्चे हैं) कमाकर खिलाता था। एक दिन भगवाना अपने खरबूजे के खेत में इधर-उधर घूम रहा था। खरबूजे जहाँ रखे हुए थे, वहाँ पर तरावट थी। संयोग से उस समय उसका पैर साँप पर पड़ गया और साँप ने उसे डस लिया। उसकी माँ ने अपने बेटे को बचाने के लिए झाड़-फूंक, ओझा, नागदेव की पूजा कराई लेकिन भगवाना नहीं बचा