2 thoughts on “परतंत्रता एक अभिशाप पर अपने विचार व्यक्त कीजिए <br />Please I need the answer now<br />It is important and please give useful answ”
Explanation:
वास्तव में पराधीनता एक अभिशाप है। पराधीन मनुष्य की जिंदगी उसी तरह हो जाती है, जैसे-पिंजरे में बंद पक्षी। ऐसा जीवन जीने वाला मनुष्य सपने में भी सुखी नहीं हो सकता है। उसे दूसरों का गुलाम बनकर अपनी इच्छाएँ और मन मारकर जीना होता है।
पराधीनता दुखों एवं कष्टों की जननी है। पराधीन व्यक्ति के पास कितनी ही सुख-सुविधाएँ क्यों न हों, उसे सुख की अनुभूति नहीं होती, ठीक उसी प्रकार जैसे-सोने के पिंजड़े में बंद पक्षी सोने की कटोरी में भोजन पाने पर भी किसी प्रकार के सुख का अनुभव नहीं करता। उसे भूखों मरना पसंद है, पर परतंत्र रहना नहीं।
Explanation:
वास्तव में पराधीनता एक अभिशाप है। पराधीन मनुष्य की जिंदगी उसी तरह हो जाती है, जैसे-पिंजरे में बंद पक्षी। ऐसा जीवन जीने वाला मनुष्य सपने में भी सुखी नहीं हो सकता है। उसे दूसरों का गुलाम बनकर अपनी इच्छाएँ और मन मारकर जीना होता है।
Answer:
पराधीनता दुखों एवं कष्टों की जननी है। पराधीन व्यक्ति के पास कितनी ही सुख-सुविधाएँ क्यों न हों, उसे सुख की अनुभूति नहीं होती, ठीक उसी प्रकार जैसे-सोने के पिंजड़े में बंद पक्षी सोने की कटोरी में भोजन पाने पर भी किसी प्रकार के सुख का अनुभव नहीं करता। उसे भूखों मरना पसंद है, पर परतंत्र रहना नहीं।
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