2. विजय मृत्यु पर प्राप्त हमें हो, देव! अमरता का दो दान। सत्य मार्ग पर चलकर पाएँ, अमर ज्योति का नया विहान। पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए:विजय मृत्यु पर प्राप्त हमें हो,देव! अमरता का दो वरदान।सत्य मार्ग पर चलकर पाएँ,अमर ज्योति का नया विहान।। About the author Josie
Answer: तेरा नूर मन में समाया हुआ है सकल देह तेरी बनाई हुई है अमर ज्योति के नए विहान… विजय मृत्यु पर प्राप्त हमें हो देश सत्य मार्ग पर चलकर अमरता का दो दान हमें अमर ज्योति के नए विहान… शांति और सुख प्राप्त हमें हो देश नहीं दुखी कोई भी जन हो, सबका जीवन मंगलमय हो अमर ज्योति के नए विहान… तेरी ज्योति ही मन में समाई हो देश गाऊं हमेशा तेरे गीत तू दिल में सदा ही समाया मेरे अमर ज्योति के नए विहान… Reply
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तेरा नूर मन में समाया हुआ है
सकल देह तेरी बनाई हुई है
अमर ज्योति के नए विहान…
विजय मृत्यु पर प्राप्त हमें हो देश
सत्य मार्ग पर चलकर अमरता का दो दान हमें
अमर ज्योति के नए विहान…
शांति और सुख प्राप्त हमें हो देश
नहीं दुखी कोई भी जन हो, सबका जीवन मंगलमय हो
अमर ज्योति के नए विहान…
तेरी ज्योति ही मन में समाई हो देश
गाऊं हमेशा तेरे गीत तू दिल में सदा ही समाया मेरे
अमर ज्योति के नए विहान…