1 thought on “झारखंड और उड़ीसा की बेटी पराया लाल रंग की होती है जबकि महाराज की मिट्टी में हर अंग नहीं मिलता है क्यों”
Explanation:
झारखण्ड राज्य के कुल 80 लाख हेक्टेयर भूमि खेती योग्य है। इन मिट्टियों में फसल उत्पादन के लिए पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है। मिट्टी जाँच के आधार पर यह पाया गया है कि अनेक जगहों में पोषक तत्वों का समुचित प्रंबधन नहीं किया जा रहा है। कुछ पोषक तत्वों की कमी से फसलों के उपज में आशानुकूल वृद्धि नहीं हो पा रही है, इसे दूर करना आवश्यक है।
सर्वक्षण के आधार पर पता चला है कि रांची, सिंहभूम, पलामू तथा संथाल परगना क्षेत्र की मिट्टी में नेत्रजन तथ स्फुर के साथ-साथ पोटाश, गंधक, बोरन तथा मेलिव्डेनम की कमी है।
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झारखण्ड राज्य के कुल 80 लाख हेक्टेयर भूमि खेती योग्य है। इन मिट्टियों में फसल उत्पादन के लिए पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है। मिट्टी जाँच के आधार पर यह पाया गया है कि अनेक जगहों में पोषक तत्वों का समुचित प्रंबधन नहीं किया जा रहा है। कुछ पोषक तत्वों की कमी से फसलों के उपज में आशानुकूल वृद्धि नहीं हो पा रही है, इसे दूर करना आवश्यक है।
सर्वक्षण के आधार पर पता चला है कि रांची, सिंहभूम, पलामू तथा संथाल परगना क्षेत्र की मिट्टी में नेत्रजन तथ स्फुर के साथ-साथ पोटाश, गंधक, बोरन तथा मेलिव्डेनम की कमी है।