अँधेरी रात थी। चारों ओर सन्नाटा था। हाथ
फैलाए न सूझता था। कभी-कभी कुत्तों के भौंकने की
आवाज सुनाई पड़ती थी । आधी रात बीत चुकी थी
मामा जी के घर से कुछ दूरी पर सामने हवेली थी ।
हवेली में उजाला था। आर्यन खेतों को सरपट पार
करता हुआ उस ओर अकेले बढ़ रहा था । उस हवेली
में आधी रात के बाद कल भी ऐसा ही उजाला देखा
था। मामा जी ने पहले ही आर्यन से कह दिया था,
‘उधर हवेली की ओर जाने की जरूरत नहीं है।’ वह
हवेली भूतों का डेरा है। आर्यन मन-ही-मन मुसकाने
लगा। वह जानता था कि भूत-वूत कुछ नहीं होते । यह
कपोल कल्पना है ।
प्रश्न-1) अ) गद्यखंड पढकर प्रश्नो के उत्तर लिखो।
1) हवेली कहाँ थी?
जवाब-
2) हवेली में क्या था?
जवाब:-
आ) गद्यखंड से विरूदधाथी शब्द हुँढकर लिखो |
1) उजाला:-
2) दिन:-
इ) गद्यखंड से शब्दयुग्मों की जोडियाँ हुँढकर लिखो|
Answer:
sorry mai iska answer nhi
Explanation:
de pa rha hu
again sorry