स्वरचित रकवा कविता
देश की शाय
हम मन्ते मुन्हे बच्चे हैं।
दाँत हमारे कच्चे है।
हम भी सहल जायेंगे
शीधे पेगो

स्वरचित रकवा कविता
देश की शाय
हम मन्ते मुन्हे बच्चे हैं।
दाँत हमारे कच्चे है।
हम भी सहल जायेंगे
शीधे पेगोली श्वाथेठों
मर जायेंगे, मिट जायेंगे,
देश की शान बढ़ायेंगे
देश की शाब बदायेगे
हम अपनी बात के सच्चे।
7.
,
हम भारत देश के बच्चे​

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Delilah

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