04 केतों की सहायता से ‘जल संरक्षण का पहल’ विषय पानी की कमी प्रकृति का शोषण सूख खत और जल यात जीव जंतुओं को पानी न मिलना पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना जल जीवन का आधार
1 thought on “04<br />केतों की सहायता से ‘जल संरक्षण का पहल’ विषय<br />पानी की कमी<br />प्रकृति का शोषण<br />सूख खत और जल यात<br />जीव जंतुओं को”
Answer:
जल को जीवन कहा गया है। जल हमारे जीवन और अस्तित्व के लिए नितांत आवश्यक है। यह शरीर जिन पांच महातत्वों से निर्मित है, उनमें एक जल भी है। जल के बिना मनुष्य रह नहीं सकता, इसलिए आवास-व्यवस्था के पूर्व वह जल-स्रोत की टोह लेता है। जीवन में प्रत्येक कार्य में जल उपयोगी है। स्वच्छता, पूजा-पाठ, आचार-व्यवहार, खेती, उद्योग आदि में इसका उपयोग होता है। जीवन-जगत् के लिए ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून’ उक्ति सार्थक है।
Answer:
जल को जीवन कहा गया है। जल हमारे जीवन और अस्तित्व के लिए नितांत आवश्यक है। यह शरीर जिन पांच महातत्वों से निर्मित है, उनमें एक जल भी है। जल के बिना मनुष्य रह नहीं सकता, इसलिए आवास-व्यवस्था के पूर्व वह जल-स्रोत की टोह लेता है। जीवन में प्रत्येक कार्य में जल उपयोगी है। स्वच्छता, पूजा-पाठ, आचार-व्यवहार, खेती, उद्योग आदि में इसका उपयोग होता है। जीवन-जगत् के लिए ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून’ उक्ति सार्थक है।